25 January, 2019

INDIAN RIVERS-भारत की नदियाँ Most Important General Knowledge For SSC GD

INDIAN RIVERS-भारत की नदियाँ Most Important General Knowledge For SSC GD




सिन्धु नदी
इसका उद्गम तिब्बती क्षेत्र में कैलाश पर्वत श्रेणी में बोखर चू के निकट एक हिमनद से होता है जो 4,164 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है. तिब्बत में इसे सिंघी खंबान या शेर मुख कहते हैं. सिन्धु नदी कराची के पूर्व में अरब सागर में जा गिरती है।
सतलज
सतलज नदी का उद्गम (origin) तिब्बत में कैलाश पर्वत के दक्षिण में स्थित मानसरोवर झील के समीप राक्षस ताल है. पर्वतीय क्षेत्र को पार करने के बाद पंजाब में रूपनगर के निकट यह मैदानी भाग में प्रवेश करती है. यह रावी, चेनाब और झेलम नदियों का संयुक्त जल एकत्रित करके पाकिस्तान में मिथनकोट नामक स्थान पर सिन्धु नदी (sindhu river) में जा गिरती है।
झेलम
यह कश्मीर की घाटी के दक्षिण-पूर्व में 4900 मीटर की ऊँचाई पर स्थित वीरिनाग के निकट झरने से निकलती है. कश्मीर में बहुत-सी नदियाँ इससे आकर मिलती हैं. पाकिस्तान में प्रवेश करने से पहले यह नदी श्रीनगर और वूलर झील से बहते हुए एक तंग व गहरे महाखंड से गुजरती है और पाकिस्तान में झंग के निकट यह चेनाब नदी (chenab river) से जा मिलती है।
चेनाब या चंद्रभागा
चेनाब, सिन्धु की सबसे बड़ी सहायक नदी है. यह चंद्रा और भागा दो नदियों के मिलने से मिलती हैं इसलिए इसे Chandrabhaga भी कहते हैं।
रावी
रावी, सिन्धु की एक अन्य सहायक नदी है। यह हिमाचल प्रदेश की कुल्लू पहाड़ियों में रोहतांग दर्रे के पश्चिम से निकती है और राज्य की चंबा घाटी से बहती है. अपने उद्गम (origin) स्थान से शुरू होकर पाकिस्तान में मुल्तान के निकट चेनाब नदी के साथ मिलने तक यह 720 किमी. की दूरी तय करती है।
व्यास
यह नदी हिमालय में स्थित रोहतांग दर्रे में 4067 मीटर की ऊँचाई पर स्थित व्यास कुंड से निकलती है। पूरे सिन्धु प्रवाह तंत्र में व्यास ही एक ऐसी नदी है जो पूर्णतया भारत में बहती है।
गंगा
यह उत्तरी भारत की सबसे प्रमुख नदी है। इसके अपवाह क्षेत्र में भारत के सबसे घने बसे और उपजाऊ राज्य उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल आते हैं।
यमुना
यमुना, गंगा की सबसे पश्चिमी और सबसे लम्बी सहायक नदी (tributary river) है. इसका उद्गम (origin) यमुनोत्री हिमनद है। इसका अधिकाँश जल सिंचाई उद्देश्यों के लिए पश्चिमी और पूर्वी यमुना नहरों और आगरा नाहर में आता है।
रामगंगा
यह नदी गैरसेन के निकट गढ़वाल की पहाड़ियों से निकलने वाली अपेक्षाकृत छोटी नदी है। अंत में कन्नौज के निकट यह गंगा नदी में मिल जाती है।
काली, काली गंगा, शारदा या सरजू
इस नदी का उद्गम उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में है। यह भारत-नेपाल सीमा के साथ बहती हुई, जहाँ काली या चाइक कहा जाता है, घाघरा नदी में मिल जाती है।
घाघरा
घाघरा नदी पहाड़ी क्षेत्र में कर्णाली या कौरियाला और मैदान में घाघरा कहलाती है। शारदा नदी इससे मैदान में मिलती है और अंत में छपरा, बिहार में यह गंगा नदी में विलीन हो जाती है।
गंडक
यह नदी दो धाराओं कालीगंडक और त्रिशूलगंगा के मिलने से बनती है. बिहार के चंपारन जिले में यह गंगा मैदान में प्रवेश करती है और पटना के निकट सोनपुर में गंगा नदी में जा मिलती है।
कोसी
यह गंगा की सबसे बड़ी सहायक नदियों में से एक है। इसका उद्गम (origin) तिब्बत में माउंट एवरेस्ट के उत्तर में है, जहाँ से इसकी मुख्य धरा अरुण निकलती है. इस नदी में बाढ़ें (flood) बहुत आती हैं, जिससे अपार जन-धन में हानि होती है. इसलिए इसे शोक की नदी भी कहते हैं।
चम्बल
यह नदी मध्य देश में महू के निकट जनापाव पहाड़ी से निकलती है जो समुद्र तल से 616 मीटर ऊँची है।
बेतवा
यह मध्य प्रदेश में भोपाल से निकलकर उत्तर-पूर्वी दिशा में बहती हुई भोपाल, ग्वालियर, झाँसी, जौलान आदि जिलों में होकर बहती है।
सोन
गंगा के दक्षिण तट पर सों एक बड़ी सहायक नदी है, जो अमरकंटक पठार से निकलती है. पठार के उत्तरी किनारे पर जलप्रपातों की श्रृंखला बनाती हुई यह नदी पटना से पश्चिम में आरा के पास गंगा नदी में विलीन हो जाती है।
ब्रह्मपुत्र
ब्रह्मपुत्र नदी को ब्रह्मा की बेटी भी कहा जाता है. विश्व की सबसे बड़ी नदियों में से एक ब्रह्मपुत्र का उद्गम कैलाश पर्वत श्रेणी में मानसरोवर झील के निकट चेमायुंगडुग हिमनद में है।
गोदावरी
इसे दक्षिण गंगा के नाम से भी जाना जाता है. यह महाराष्ट्र में नासिक जिले से निकलती है और बंगाल की खाड़ी में जाकर गिरती है।
महानदी
महानदी छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले में सिहावा के निकट निकलती है। यह उड़ीसा से बहती हुई अपना जल बंगाल की खाड़ी में विसर्जित करती है।
कृष्णा
यह पूर्व दिशा में बहने वाली दूसरी बड़ी प्रायद्वीपीय नदी है, जो सह्याद्री में महाबलेश्वर के निकट निकलती है. इसकी कुल लम्बाई 1,401 किमी. है।
कावेरी
यह नदी कर्नाटक के कोगाडु जिले में ब्रह्मगिरि पहाड़ियों से निकलती है. मैसूर पठार में या नदी कई जल-प्रपात बनाती है जिनमें शिवासमुद्रम प्रसिद्ध है।
तुंगभद्रा
यह तुंगा और भद्रा नदियों के मिलने से बनी है. तुंगा कर्नाटक के पश्चिमी घाट की गंगामूल चोटी के नीचे से और भद्रा, काडूर जिले से निकलती है।
माही
नर्मदा और तापी के बाद यह गुजरात में तीसरी बड़ी नदी है. इस नदी की उत्पत्ति विन्ध्याचल पर्वत से होती है।
नर्मदा
यह नदी अमरकंटक पठार के पश्चिमी पार्श्व से लगभग 1,057 मीटर की ऊँचाई से निकलती है।
तापी
यह पश्चिम दिशा में बने वाली एक अन्य महत्त्वपूर्ण नदी है। यह मध्य प्रदेश में बेतूल जिले में मुलताई से निकलती है। यह सूरत के निकट खम्भात की खाड़ी में विलीन हो जाती है।
दामोदर
यह नदी छोटानागपुर पठार के पूर्वी किनारे पर बहती है और भ्रंश घाटी से होती हुई हुगली नदी में गिरती है।
महानंदा
यह गंगा की एक सहायक नदी है, जो दार्जलिंग पहाड़ियों से निकलती है। यह नदी पश्चिमी बंगाल में गंगा के बाएँ तट पर मिलने वाली अंतिम सहायक नदी है।
लूनी
लूनी नदी पुष्कर के समीप दो धाराओं सरस्वती और सागरमती के रूप में उत्पन्न होती है, जो गोबिंदगढ़ के निकट आपस में मिल जाती है। तलवाड़ा तक यह पश्चिम दिशा में बहती है और उसके बाद दक्षिण-पश्चिम दिशा में बहती हुई कच्छ के रन में जा मिलती है।
साबरमती
इस नदी का उद्गम अरावली की पहाड़ियों में राजस्थान के डूंगरपुर जिले में स्थित है। यहाँ से यह दक्षिम-पश्चिम दिशा में 300 k.m. की दूरी तय करके खम्भात की खाड़ी में विलीन हो जाती है।

0 Please Share a Your Opinion.: